चाहे आप की उम्र कुछ भी क्यों न हो, स्वास्थ्य पूर्ण आहार सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। यदि आप बेहतर आहार सेवन करते हैं, तो आप स्वयं को स्वस्थ महसूस करेगें तथा आप स्वयं को बीमारियों से बचा सकेगें। नियमित आहार सेवन तथा चायपान आदि एक अच्छी आदत है।यदि आपको बीच बीच में खाना न खाने की आदत पड़ जाती है अथवा आप अस्वास्थ्यपूर्ण खाना खाते हैं तो आप अपने आप को थका हुआ तथा अवसाद ग्रस्त महसूस करना शुरु कर देंगे।

आपको हमेशा सुबह का नाश्ता, मध्याह्न भोजन, चाय तथा रात का खाना अवश्य खाना चाहिए। स्वस्थ बने रहने के लिए, अच्छी नियमित आहार सेवन परिपाटियां अनिवार्य हैं। इसके मायने हैं प्रतिदिन में तीन बार भोजन तथा एक बार शाम को स्नैक आदि का सेवन करना है। खाना न खाने की बजाय, आप कुछ सामान्य से स्नैक तथा भोजन शामिल कर सकते हैं।

बेहतर आहार निर्देशिका

यह उचित समय है कि आप इस ओर ध्यान दें कि आप क्या खाते हैं तथा संभवत उनमें बेहतरी के लिए कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता है। ऐसे आहार के संबंध में यहां निर्देशिका प्रदान की गई है जिसे आपको प्रतिदिन सेवन करने की प्रयास करना चाहिए।

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दूध और अन्य डेयरी उत्पादः प्रतिदिन दिन में तीन बार दूध अथवा दूध के उत्पादों का सेवन करें। इसमें कैल्शियम होता है जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं।
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फल: हर रोज एक ताजा फल खाने का प्रयास करें।
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ब्रेड, अनाज : प्रत्येक खाने में ब्रेड, अनाज, चावल या चपाती शामिल करें। तरल पदार्थों के साथ इन आहारों को शामिल करने से कब्ज रोकने मे मदद मिलती है। इससे आपको उर्जा, विटामिन तथा खनिज पदार्थ प्राप्त होंगे।
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बिस्कुट तथा मिठाईयां : इस प्रकार के खाद्य पदार्थ मजेदार तो लगते हैं, लेकिन इनसे वजन बढ़ने की संभावना रहती है तथा यह मंहगे भी होते हैं।
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जिस प्रकार से मांसाहारी आहार बेहतर होता है उसी प्रकार से शाकाहारी खाद्य पदार्थ भी बेहतर होते हैं।
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जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है जैसे जैसे आप की उम्र बढ़ती है खाने को देखकर आपको भूख न लगे, ऐसा संभव है।
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मांस, कुक्कट आदि, मछली, पनीर, अण्डे, फलियां, मसूर, दालें तथा बादाम आदि: इन खाद्य पदार्थों मे प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। हररोज इनमें से किन्ही दो का कुछ हिस्सा सेवन करें।
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सब्जिया : यह फाईबर का मुख्य स्रोत होती है तथा आपको खाने में विभिन्नता भी प्राप्त होती है। हर रोज दिन में तीन बार उचित मात्रा मे सब्जी खाने का लक्ष्य रखें।
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मक्खन तथा खाना पकाने संबंधी वसा : मक्खन तथा खाना पकाने संबंधी वसा से हमें उर्जा की प्राप्ति होती है तथा हमारा खाना भी बेहतर स्वादयुक्त बन जाता है, यदि आपको अपने वजन का ध्यान रखना है तो इनका प्रयोग यदा कदा ही करना चाहिए, क्योंकि इनमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। थोड़ी मात्रा में वनस्पति तेल जैसे सूरजमुखी का तेल प्रयोग करें।
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पेय पदार्थ : चाय, कॉफी, फलो का रस, दूध तथा पानी के छह से आठ गिलास प्रतिदिन सेवन करने चाहिए।
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यदि आपका वजन बिना किसी कारण के घटता जा रहा है, तो आपको अपने डाक्टर को दिखाना चाहिए।
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मिल जुल कर खाना खाने से आपको खाना स्वादिष्ट लग सकता है।

भोजन के चार नियम :

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हर चीज थोड़ी मात्रा में अवश्य खाएं तथा किसी एक वस्तु का बहुत अधिक मात्रा में सेवन न करें।
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कुछ खाद्य पदार्थ दूसरे खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक अच्छे होते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जो मंहगे तो हैं लेकिन आपको उसके बदले में उचित पौष्टिकता प्राप्त नहीं होती है।
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ऐसा कोई एक खाद्य पदार्थ नहीं है जिसे आपको अवश्य खाना चाहिए। यदि आपको कुछ अच्छा नहीं लगता है तो किसी अन्य खाद्य पदार्थ को चुन लें जो कि समान रुप से पौष्टिकता से परिपूर्ण हो।
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यदि आपको प्यास नहीं महसूस होती है तो भी दिन भर में छह से आठ गिलास पेय पदार्थों का सेवन करने का प्रयास करें।

यदि आप आहार संबंधी इन चार नियमों तथा उपरोक्त उल्लिखित आहार संबंधी बेहतर निर्देशिका का पालन करते हैं तो जितना महत्व मासांहार का है उतना ही महत्वपूर्ण शाकाहारी जीवन हो सकता है। यदि आपको कम भूख लगती है तथा आपका वजन बिना प्रयास के ही कम हो रहा है तो आपको अपने डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यदि आप काफी अधिक मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करते रहते हैं तो कभी कभी बीच में भोजन न खाने से कोई क्षति नहीं होती है। जैसे जैसे आप की उम्र बढ़ती है खाने को देखकर आपको भूख न लगे, ऐसा संभव है। मिल जुल कर खाना खाने से आपको खाना स्वादिष्ट लग सकता है।