वयोवृद्ध व्यक्तियों के कल्याण के लिए उत्तरदायी नोडल मंत्रालयः सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
वृद्ध व्यक्तियों संबंधी राष्ट्रीय नीति:
वृद्ध व्यक्तियों संबंधी राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत वृद्ध व्यक्तियों को इस बात का आश्वासन प्रदान किया गया है कि उनकी चिंताए राष्ट्रीय चिंताएं हैं तथा उन्हें असंरक्षित,अपेक्षित तथा दरकिनार करके नहीं रखा जाएगा। राष्ट्रीय नीति का उद्देश्य समाज में उनके विधिसम्मत स्थान को सुदृढ़ करना तथा वयोवृद्ध व्यक्तियों को उनके जीवन के अंतिम चरण को उद्देश्यपूर्ण, सम्मान तथा शांति से व्यतीत करने में सहायता करना है। इस नीति के अंतर्गत सरकार के भीतर तथा सरकार और गैर सरकारी एजेन्सियों के साथ अंतर क्षेत्रीय सहयोग तथा समन्वय के लिए एक विस्तृत फ्रेमवर्क प्रदान किया गया है। विशेषरुप से नीति के अंतर्गत देश में वृद्ध व्यक्तियों के कल्याण हेतु हस्तक्षेप के लिए अनेक क्षेत्रों की पहचान की गई है; वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल तथा पौष्टिकता, आवास, शिक्षा,कल्याण,जीवन तथा सम्पत्ति की सुरक्षा आदि। अन्य बातों के अलावा नीति के अंतर्गत इस दिशा में राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अनुपूरक के रुप में उपयोगकर्ता उन्मुख वहनीय सेवाओं को उपलब्ध कराने में गैर सरकारी संगठनों (एन जी ओ) की भूमिका को भी मान्यता प्रदान की गई है।
उपयोगी आयु वर्धन का संवर्धन करने की पहचान करते हुए, नीति में वृद्ध व्यक्तियों को महत्वपूर्ण गैर औपचारिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में परिवार के महत्व पर भी जोर दिया गया है। (वृद्ध व्यक्तियों संबंधी राष्ट्रीय नीति। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय। भारत सरकार। शास्त्री भवन। नई दिल्ली, 1999)
राष्ट्रीय नीति के प्रचालन के लिए अपनाई गई कार्यान्वयन नीति निम्नलिखित है:
- कार्रवाई योजना तैयार करना
- राज्यों में वयोवृद्ध व्यक्तियों के लिए निदेशालयों की स्थापना करना
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में वयोवृद्ध व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद् की स्थापना करना (केन्द्रीय मंत्रालयों, राज्यों के प्रतिनिधि, एन जी ओ, शैक्षणिक निकायों, मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर सरकारी सदस्य तथा विशेषज्ञ और सदस्य)
- सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय में वृद्ध व्यक्तियों के लिए एक पृथक ब्यूरो की स्थापना करना
- नीति के कार्यान्वयन की तीन वर्षीय सार्वजनिक समीक्षा
- वयोवृद्ध व्यक्तियों के लिए स्वायत्त राष्ट्रीय एसोसिएशनों की स्थापना करना स्थानीय स्व शासन की भागीदारी को प्रोत्साहित करना
कार्रवाई योजना
वृद्ध व्यक्तियों संबंधी राष्ट्रीय नीति को प्रचालित करने के लिए 2000-2005 कार्रवाई योजना को मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है। इस योजना के अनुसार की जाने वाली विभिन्न पहलों को विभिन्न मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाना है। यह असीम संभावनाओं से युक्त दस्तावेज है, जिसमें इसके कार्यान्वयन के लिए कार्रवाईयों को सीमित अथवा प्रतिबन्धित नहीं करता है। इसे कार्यान्वयन के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों/संगठनों को परिचालित किया गया है।
एक अंतर मंत्रालीय समिति का गठन किया गया है जो कि इस नीति के कार्यान्वयन की जांच तथा निगरानी करेगी। अंतर विभागीय समितियों के माध्यम से इसी प्रकार के कार्यों को राज्य/संघ शासी प्रदेशों में भी कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रत्येक तीन वर्ष के अंतराल पर कार्यान्वयन की सार्वजनिक रुप से समीक्षा की जाएगी।
(वार्षिक प्रतिवेदन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, 2000-2001; राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान का समाचार पत्र, अंक 3, संख्या 2, मार्च, 2002, नई दिल्ली)
वृद्ध व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद्
वृद्ध व्यक्तियों संबंधी राष्ट्रीय नीति को प्रचालित करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री की अध्यक्षता में 1999 से वृद्ध व्यक्तियों के लिए एक राष्ट्रीय परिषद् (एन सी ओ पी) का गठन किया गया है। इस परिषद् में 39 सदस्य हैं। प्रत्येक वयोवृद्ध व्यक्ति से सुझाव, परिवाद तथा शिकायतें प्राप्त करने के लिए नामनिर्दिष्ट कार्यालय है। एन सी ओ पी के सदस्यों में से एक सात सदस्यीय कार्यकारी समूह को भी गठन किया गया है।
मंत्रालय की योजनाएं :
राष्ट्रीय नीति को कार्यान्वित करने मे सुगम्यता प्रदान करने के लिए, तथा मंत्रालय के कार्यक्रम हस्तक्षेप में गुणात्मक सुधार लाने के लिए निम्नलिखित योजनाओं को लागू किया जा रहा है: