गिरना आदि तथा दुर्घटनाएं “ऐसे ही नहीं ” हो जाती हैं। अक्सर दुर्घटना के घटित होने के लिए स्थिति प्रतीक्षा करती है और इसलिए इसे रोका जा सकता है।
वृद्धावस्था में गिरने के बहुत ही भयानक परिणाम होते हैं। इनसे चोट, हड्डी का टूटना आदि जैसी घटनाएं घटित होती हैं तथा व्यक्ति सक्रिय, स्वतंत्र जीवन नहीं जी पाता है। गिरने के कारण हजारों वृद्ध पुरुष और महिलाएं अशक्त हो जाते हैं, उनकी हड्डी आदि टूट जाती है, तथा अक्सर स्थाई रुप से उनके साथ ऐसा होता है। यहां तक कि केवल गिरने का डर ही उनके लिए मनोवैज्ञानिक रुप से निशक्त कर देने वाला होता है।
तथापि, अपने आसपास के परिवेश में सामान्य परिवर्तन करके तथा कार्य की सुरक्षित पद्धतियों को अपना कर गिरने तथा चोट आदि लगने से बचा जा सकता है ।
वृद्धावस्था में गिरने के कारण
गिरने तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम
गिरने तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अनेक सामान्य कदम उठाकर इनकी संभावना को कम किया जा सकता है तथा हमारे घर और परिवेश को सुरक्षित बनाया जा सकता है।