प्रत्येक व्यक्ति की शौच जाने की संख्या अथवा शौच की मात्रा बहुत अधिक भिन्न भिन्न होती है। शौच जाने की संख्या में कमी जिसके साथ शौच करने में अधिक समय लगना तथा उसमें कठिनाई होना, अथवा पूरी तरह से शौच न कर पाने का अहसास होना, इन सभी को कब्ज कहा जाता है।
वृद्ध व्यक्तियों में कब्ज एक सामान्य लक्षण है। वृद्ध व्यक्तियों में कब्ज की शिकायत करने की संभावना युवा व्यक्तियों की तुलना में पांच गुणा अधिक होती है, संभवत उन्हे अपनी शौच जाने की प्रक्रिया के प्रति अनुचित चिंता रहती है।
कब्ज अनेक कारणों से होती है। जठरांत्र हिस्से के निचले भाग में अवसंरचनात्मक अनियमितता सबसे बड़ी चिन्ता होती है। वृद्धावस्था में बृहदान्त्रात्मक कैंसर न होने पर अधिक जोर दिया जाता है।
कब्ज अनेक कारणों से होती है। जठरांत्र हिस्से के निचले भाग में अवसंरचनात्मक अनियमितता सबसे बड़ी चिन्ता होती है। वृद्धावस्था में बृहदान्त्रात्मक कैंसर न होने पर अधिक जोर दिया जाता है।
अन्य रोगों जैसे एन्टासिड्स, अवसाद रोधी, एन्टी हिस्टामाईन्स, मूत्र संबंधी,पार्किन्सन्स रोग के लि दवाएं, उच्च रक्त दाब के लिए दवाएं, आयरन की दवाएं, मांसपेशियों को आराम देने संबंधी दवाएं तथा ओपिएट्स से कुछ लोगों में कब्ज हो सकती है।
कम मात्रा में सब्जियों, फलों और साबुत अनाज का सेवन तथा अधिक मात्रा में अण्डे, मांस तथा दूध अथवा दूध उत्पादों का सेवन करना कब्ज का सबसे बड़ा संशोधनकारी कारण है। इसके साथ साथ, पर्याप्त मात्रा में आहार का सेवन न करना अथवा हल्का खाना पसंद करने से कब्ज अधिक होती है।
लम्बे समय तक बिस्तर पर आराम करना अथवा दुर्घटना के कारण गतिहीनता अथवा रुग्णता तथा शौच जाने की प्राकृतिक इच्छा की उपेक्षा करने से कब्ज हो सकती है। हाल ही में उत्पन्न हुए लक्षणों के उपचार के लिए आपको अपने डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए ताकि आप अधिक गम्भीर समस्या से बच सकें। जब अवसंरचनात्मक अनियमितता की संभावना को दूर कर दिया जाता है तो सामान्यरुप से निम्नलिखित उपाय उपयोगी साबित होते हैं :