वृद्धावस्था में अकेले जीवन यापन करना एक वास्तविकता है। कुछ लोगों का जीवन अपने पति या पत्नी से अधिक लम्बा होता है, तथा संभव है कि आर्थिक कारणों से बच्चे दूर चले जाएं। अनेक लोगों को अकेले रहना अच्छा लग सकता है लेकिन कुछ लोग बहुत ही अलग थलग पड़ जाते हैं। बीमारी की दशा में अकेले रहना जोखिम पूर्ण हो सकता है। यदि आप अकेले रहते हैं अथवा आप किसी अकेले रहने वाले व्यक्ति को जानते हैं तो आपको इन बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए:
आपातस्थिति में अच्छे लोग वही होते हैं जो आपकी सहायता कर सकते हैं (अथवा जिन्हे आपकी सहायता की आवश्यकता हो सकती है) वह आपके पड़ोसी होते हैं, इसलिए किसी न किसी पड़ोसी के साथ मेलजोल बना कर रखें। यदि आप किसी नजदीकी व्यक्ति के साथ प्रतिदिन टेलीफोन पर बातचीत करते हैं अथवा उनके यहां आना जाना रखते हैं, तो उन्हे इस बात का आभास होगा कि आज कुछ कमी है, अर्थात आपकी वह खोज खबर ले सकेगें। यदि आप कहीं जाने की योजना बना रहे हैं तो उन्हें इसकी जानकारी देना न भूलें।