जैसे जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है उसी के साथ साथ श्रवण क्षमता में गिरावट होती रहती है। लगभग 60वर्ष की आयु तक संभवत इसका आभास हो। 60वर्ष से उपर के लगभग60%व्यक्तियों को आयु बढ़ने की प्रक्रिया के कारण कम सुनाई देता है। अपनी श्रवण क्षमता की जांच करने के लिए यहां पर जांचसूची उपलब्ध कराई गई है।
यदि इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर ‘हां’है तो आपको अपने डाक्टर से सलाह करने की आवश्यकता है और उसे श्रवण संबंधी अपनी चिंता की जानकारी दें। पहले की अपेक्षा अब कम सुनाई देने के पीछे अनेक भिन्न भिन्न कारण हो सकते हैं, इसलिए डाक्टर आपके कान की जांच करेगा और समस्या का पता लगाने के लिए आपसे कुछ प्रश्न पूछेगा।उदाहरण के लिए, आपके कान में बहुत अधिक वैक्स हो सकती है जिसे निकाला जा सकता है, अथवा आपके कान में संक्रमण हो सकता है, जिसका उपचार किया जाएगा। तथापि, यदि डाक्टर को आपके द्वारा कम सुनाई देने के संबंध में कोई स्पष्ट कारण दिखाई नहीं देता है तो वह आपको कान, नाक तथा गले (ई एन टी) विशेषज्ञ के पास भेज सकता है। यदि आपको कम सुनाई देना सामान्य रुप से आपकी उम्र के कारण है तो विशेषज्ञ द्वारा आपको यह समझाया जाएगा कि इसका कोई इलाज नही है, तथा आपको वह श्रवण यंत्र प्रदान करेगा। इनमें से किसी एक का प्रयोग अवश्य करें। इसके बहुत अधिक उपयोगी होने की संभावना होती है।
श्रवण यंत्र
श्रवण यंत्र को आवाजों को विस्तारित करके उन्हे ऊंचा करने के लिए डिजाइन किया जाता है। आपको कितना विस्तारण चाहिए यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका श्रवण ह्रास किस प्रकार और कितना हो चुका है। श्रवण यत्रों से सभी प्रकार की आवाजों को विस्तारित किया जाता है लेकिन विशेषरुप से उन्हें ऐसी आवाजों के लिए डिजाइन किया जाता है जो भाषा या बोलने से संबंधित होती हैं। आवाजें भिन्न भिन्न स्वरों अथवा बारम्बारताओं से बनी होती हैं। श्रवण यंत्र द्वारा इन भिन्न भिन्न स्वरों को अलग अलग मात्राओं में विस्तारित किया जाता है क्योंकि जब आप श्रवण ह्रास से ग्रसित होते हैं तो अक्सर आप कुछ बारम्बारताओं को दूसरों की अपेक्षा बेहतर सुनते हैं। वयोवृद्ध व्यक्तियों को अक्सर उच्च बारम्बारताओं को सुनने में कठिनाई होती है। अक्सर आप बोलने की आवाज तो सुन सकते हैं लेकिन वास्तविक शब्दों को नहीं सुन पाते हैं।
सभी प्रकार की जरुरतों को पूरा करने के लिए अनेक श्रवण यंत्र उपलब्ध हैं। श्रवण यंत्र व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध हैं। अनेक प्रकार के श्रवण यंत्र बाजार में उपलब्ध हैं जिनमें से किसी एक को चुना जा सकता है हालांकि सभी श्रवण यंत्र आवश्यक रुप से आपके लिए उचित नहीं होंगे। कुछ लोगों को ‘कान में लगे श्रवण यंत्र’ अधिक गोपनीय तथा आकर्षक लगते हैं क्योंकि यह कान में ही लग जाते हैं। यदि आपको गम्भीर रुप से कम सुनाई देता है तो इस प्रकार के यंत्र अक्सर उचित साबित नहीं होते हैं। ‘शरीर पर धारण’ किए गए यंत्र एक छोटी इकाई के रुप में आते हैं जिन्हे छाती पर लगाया जाता है, जिससे एक तार ईयरफोन तथा ईयरमोल्ड के साथ जुड़ी रहती है। यह अन्य प्रकार के यंत्रों की तुलना में अधिक जटिल यंत्र होता है। लेकिन अपने आकार के कारण इसे चलाना आसाना होता है तथा इससे विस्तारण के उच्च स्तर उपलब्ध होते हैं।
श्रवण यंत्र से आपकी श्रवण शक्ति सामान्य नहीं हो जाती है, अथवा यह आपके बहरेपन को ठीक नहीं करता है। सामान्य रुप से यह श्रवण के लिए एक सहायक यंत्र है। जब आप पहली बार श्रवण यंत्र का प्रयोग करते हैं,हर रोज आपको आवाज बहुत ऊंची लग सकती है। आवाज को नई तरह से सुनने का आदी होने में महीनों लग सकते हैं। यदि आपको प्रारम्भिक अवधि में कुछ समस्या है तो आपको उस व्यक्ति से सम्पर्क करना चाहिए जिसने इसको उपलब्ध कराया है ताकि आप और आगे सलाह ले सकें।
संभवत आपको लगेगा कि आपका श्रवण यंत्र कुछ परिस्थितियों में अधिक सहायक साबित होता है। आपको प्रयोग करने की आवश्यकता होगी। याद रखिए की श्रवण यंत्र शांत माहौल में जब आप एक समय में केवल एक या दो व्यक्तियों से बात कर रहे होते है, तो सर्वाधिक उपयोगी साबित होते हैं। पृष्ठभूमि शोर जैसे संगीत अथवा अन्य व्यक्तियों की बातचीत से जो कुछ आप सुनने की कोशिश कर रहे हैं उसमें बाधा उत्पन्न होती है। इसके बावजूद, आपका श्रवण यंत्र व्यस्त, शोर वाले स्थानों पर उपयोगी साबित हो सकता है।