चिंताए, व्याकुलताएं और डर ऐसी भावनाएं हैं जो कि किसी उत्प्रेरक घटना के बाद उत्पन्न होती हैं। इनसे घंटों और यहां तक ही दिनों जब तक कि उस घटना को हम भूल नहीं जाते, हमारे विचार तथा कार्य प्रभावित होते हैं। यह भावनाएं जानकारियों, यादों तथा उम्मीदों के परिणामस्वरुप पैदा होती हैं जो कि दोषपूर्ण अथवा अनुचित हो सकती हैं। हम स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं को गंवाए बिना ही अपनी भावनाओँ तथा परिस्थितियों पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। अपनी चिंताओं और व्याकुलताओं को दूर करने के लिए कुछ आवश्यक जानकारी निम्नलिखित है :
यदि स्व-सहायता तकनीकों से आपकी चिंताओं का बोझ कम नहीं हो पा रहा तो पेशेवर सलाह लेने पर विचार करें। प्रशिक्षित परामर्शदाता द्वारा आपकी चिंता की पहचान करने तथा उसे दूर करने में आपकी सहायता की जाएगी।
आपकी चिंताओं को दूर करने के लिए दवाएं भी उपलब्ध हैं।
अंतत,यदि आप भगवान में विश्वास करते हैं तो उससे उन परिस्थितियों को स्वीकार करने के लिए बल अथवा धैर्य प्रदान करने की, परिस्थितियों को बदलने का साहस प्रदान करने, तथा अंतर को समझने के लिए बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करें।